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तद्भव शब्द किसे कहते हैं?

संस्कृत भाषा के वे शब्द जो प्राकृत, अपभ्रंश आदि से विकृत होकर हिन्दी भाषा में गए, तद्भव शब्द कहलाते हैं।

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तद्भव (शाब्दिक अर्थ : ‘उससे उत्पन्न‘) एक संस्कृत शब्द है जो मध्यकालीन भारतआर्य भाषाओं के सन्दर्भ में उन शब्दों को कहते हैं जो संस्कृत के मूल शब्द नहीं हैं बल्कि संस्कृत के किसी मूल शब्द से व्युत्पन्न (निकले हुए) हैं। भारतीय उपमहाद्वीप की भाषाओं में जो शब्द हैं उन्हें मुख्यतः तीन श्रेणियों में बांटा जाता हैतत्सम, तद्भव और देशज। दूसरे शब्दों में, तत्सम शब्दों के बदले हुए रूप को तद्भव शब्द कहा जाता है।

उदाहरण के लिए हिन्दी कासूरजशब्द एक तद्भव शब्द है जो संस्कृत केसूर्यशब्द से व्युत्पन्न है। नीचे कुछ तत्सम और उनके संगत हिन्दी के तद्भव शब्दों की सूची दी गयी है

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दुसरे शब्दों में इसे यह भी कह सकते हैं कि ऐसे शब्द जिनकी उत्पत्ति तो संस्कृत भाषा से हुई थी लेकिन उनका रूप बदलकर हिन्दी मेंमें प्रयोग किये जाते है, तद्भव शब्द कहलाते हैं। दूध, फूल, दही, आम आदि

तद्भव तत्सम तद्भव तत्सम तद्भव तत्सम तद्भव तत्सम 
अकथ अकथ्य क्यों किंपुनः नींबू निम्बक मँड़ुआ मण्डप
अकाज अकार्य खंडहर खण्डगृह नीम निम्ब मदारी मंत्रकारी
अकेला एकल खत्री क्षत्रिय नेम नियम मरना मरण
अखरोट अक्षोर खप्पर खर्पर नेवला नकुल महंगा महार्घ
अखाड़ा अक्षवाट खम्भा स्तम्भ नेह स्नेह महावत महापात्र
अगम अगम्य खान खनि नैन नयन माँ माता
अँगरखा अंगरक्षक खार क्षार नोचना लुंचन माथा मस्तक
अगहन अग्रहायण खाँसी कास नोन लवण मानुस मनुष्य
अगाड़ी अग्रणी खीर क्षीर न्योता निमंत्रण माला माल्य
अँगिया अंगिका खुजली खर्जू पकवान पक्वान्न मिट्टी मृत्तिका
अंगीठी अग्निष्ठिका खेत क्षेत्र पक्का पक्व मीठा मिष्ट
अंगुरी अंगुलि खेती क्षेत्रित पड़ोस प्रतिवास मीत मित्र
अगुवा अग्रणी गड्ढा गर्त पतला प्रतनु मुखिया मुख्य
अंगूठा अंगुष्ठ गधा गर्दभ पतोहू पुत्रवधू मुट्ठी मुष्टि
अँगूठी अंगुष्ठिका गर्मी ग्रीष्म पत्ता पत्र मुंह मुख
अंगौछा अंगप्रौछा गलना गलन पत्थर प्रस्तर मूंग मुद्ग
अचरज आश्चर्य गँवार ग्रामीण पनसारी पण्यशालिका मूंछ श्मश्रु
अजवाइन यवनिका गवैया गायक पन्ना पर्ण मूर्ख मूढ़
अजान अज्ञान गहरा गंभीर पपड़ी पर्पटी मूसल मुषल
अंजुली अंजलि गांठ ग्रंथि पर उपरि मूसा मूषक
अटारी अट्टालिका गाय गो परकोटा परिकूट मैं मया
अट्ठानवे अष्टानवति गाँव ग्राम परगट प्रकट मोर मयूर
अठारह अष्टादश गिनना गणन परछांई प्रतिच्छाया मोल मूल्य
अढ़ाई अर्द्ध तृतीय गीध गृध्र परनाला प्रणाल मौत मृत्यु
अतिथी अतिथि गुन गुण परपोता परपौत्र मौर मुकुट
अदरक आर्द्रक गुसाईं गोस्वामी परमारथ परमार्थ मौसी मातृश्वसा
अंधा अंध गेंद कंदुक परसों परश्वः यह एष
अँधेरा अन्धकार गेहूँ गोधूम परसों परश्व यहाँ इह
अनत अन्यत्र गोंद क्रोड पराठा पर्पट रखना रक्षण
अनसन अनशन गोबर गोमय/गोमल परिच्छा परीक्षा रत्ती रत्तिका
अनाज अन्न गोरा गौर परिवा प्रतिपदा रस्सी रज्जु
अनाड़ी अनार्य ग्वाला गोपालक पलंग पर्यंक रस्सी रश्मि
अनूठा अनुत्थ घड़ा घट पलड़ा पटल रहट अरघट्ट
अपढ़ अपठ घड़ी घटिका पल्ला पल्लव राख क्षार
अपना आत्मन घर गृह पसरना प्रसरण राखी रक्षा
अपाहिज अपादहस्त घी घृत पसारना प्रसारण राजपूत राजपुत्र
अफीम अहि-फेन घूँघट गुंठन पसीना प्रस्वेद राज्य राष्ट्र
अमावस अमावस्या घोड़ा घोटक पहचान प्रत्यभिज्ञान रात रात्रि
अमिय अमृत चना चणक पहनावा परिधान रानी राज्ञी
अमोल अमूल्य चबाना चर्वण पहर प्रहर राय राजा
अम्मा अंब चमार चर्मकार पहरी प्रहरी रास राशि
अरग अर्क चरन चरण पहला प्रथिल रीछ ऋक्ष
अरपन अर्पण चाक चक्र पहुँच प्रभुत्व रीठा अरिष्ट
अलग अलग्न चाँदनी चन्द्रिका पांत पंक्ति रीता रिक्त
अलच्छन अलक्षण चार चत्वारि पाना प्रापण रीस ईर्ष्या
अलोना अलवण चिड़िया चटिका पानि पाणि रुआं रोम
अंस अंश चितेरा चित्रकार पाँव पाद रूखा रुक्ष
असाढ़ आषाढ़ चैत चैत्र पास पार्श्व रूठा रुष्ट
असीस आशीष चोंच चंचु पाहन पाषाण रेनु रेणु
अस्तुति स्तुति चौखट चतुष्काठ पिटारा पिटक रैन रजनी
अस्सी अशीति चौथा चतुर्थ पिता पितृ रोना रुदन
अहीर आभीर चौपाया चतुष्पद पिया प्रिय लकड़ी लागुड़
अहेर आखेट छाता छत्र पीछे पश्चात लंगड़ा लंग
आकास आकाश छाँह छाया पीठ पृष्ठ लंगोट लिंगपट्ट
आँख अक्षि छिलका शकल पीढ़ी पीठिका लच्छन लक्षण
आखर अक्षर छेद छिद्र पीपल पिप्पल लम्बा लम्बक
आग अग्नि जजमान यजमान पीला पीत लहसुन लशुन
आँगन अंगण जड़ जटा पुजारी पूजाकारी लाख लक्ष
आंच अर्चि जंतर यंत्र पुतली पुत्तलिका लांघना लंघन
आचर आंचल जत्था यूथ पुरान पुराण लाज लज्जा
आज आद्य जनेऊ यज्ञोपवीत पूंछ पुच्छ लाठी लगुड यष्टि
आठ अष्ट जब यदा पूत पुत्र लिलार ललाट
आंत आंत्र जम यम पूरब पूर्व लीख लिक्षा
आधा अर्द्ध जमुना यमुना पूरा पूर्ण लेई लेपिका
आभूषन आभूषण जम्हाई जृम्भिका पूस पौष लोन लवण
आम आम्र जलना ज्वलन पोखर पुष्कर लोहा लौह
आमचूर आम्रचूर्ण जवान युवा पोता पौत्र लोहार लौहकार
आयसु आदेश जाँघ जंघा पोथी पुस्तक लौंग लवंग
आरसी आदर्शिका जाड़ा जाड्य पौना पादोन वह असौ
आलस आलस्य जीभ जिह्वा प्यास पिपासा वाघ व्याघ्र
आँवला आमलक जुबान जिह्वा फरसा परशु विछोह विक्षोभ
आशीष आशिष जेठ ज्येष्ठ फागुन फाल्गुन विसरना विस्मृति
आसरा आश्रय जोगी योगी फांसी पाशिका शक्कर शर्करा
आँसू अश्रु जोड़ा युक्त फिटकरी स्फटिक शाम संध्या
इकलौता एकलपुत्र जोबन यौवन फुर्ती स्फूर्ति शीश शीर्ष
इतवार आदित्यवार जौ यव फूटना स्फुटन शीशम शिंशपा
इमली अम्लिका जौ यव फूल पुष्प श्रंगार/श्रृंगार/
सृंगार/सिंगार
शृंगार
ईख इक्षु झट झटिति फोड़ा स्फोट सगा स्वक
ईंट इष्टिका झरना निर्झर बकरा बर्कर सगुन शकुन
ईधन इंधन झीना जीर्ण बखान व्याख्यान सच सत्य
उगलना उद्गलन झीना क्षीण बगुला वक सजाना सज्जापन
उजला उज्ज्वल झूठा जुष्ट बच्चा वत्स सतसई सप्तशती
उठ उत्तिष्ठ टूटना त्रुतयते बछड़ा वत्स सताना संतापन
उठना उद्गत ठंडा शीत बजरंग बज्रांग सत्तू सक्तु
उठान उत्थान डंक दंश बढ़ई वर्धकिन सन्यासी संन्यासी
उपयुक्त उपर्युक्त डंडा दण्ड बढ़ई वर्द्धकि सपना स्वप्न
उपास उपवास डसना दंशन बत्ती वर्तिका सपूत सुपुत्र
उबटन उद्वर्तन डायन डाकिनी बन वन समझ संबुद्धि
उबालना उद्वालन तपसी तपस्वी बनारस वाराणसी सयाना सज्ञान
उलाहना उपालम्भ ताँबा ताम्र बनिया वणिक सरसों सर्षप
उल्लू उलूक तालाब तड़ाग बन्दर वानर सलाई शलाका
ऊँचा उच्च ताव ताप बरगद वट ससुराल श्वसुरालय
ऊँट उष्ट्र तिगुना त्रयगुण बरस वर्ष साईं स्वामी
ऊन ऊर्ण तिनका तृण बरसना वर्षण साखी साक्षी
एका ऐक्य तीखा तीक्ष्ण बसेरा वासगृह साग शाक
इमि एवम् तुम त्वम् बहन भगिनी सांचा सच्चक
ऐसा ईदृश्य तुरंत त्वरित बहनोई भगिनीपति साढ़े सार्द्ध
ओझा उपाध्याय तेरा तव बहरा बधिर साँप सर्प
ओर अवर तेल तैल बहू वधू साला श्याल
ओला उपल तोंद तुन्द बाग़ उद्यान सावन श्रावण
ओस अवश्याय त्यौहार तिथिवार बाजा वाद्य सास श्वश्रू
ओसार उपशाल थन स्तन बाँझ बन्ध्या साँस श्वास
औतार अवतार थल स्थल बाड़ी वाटिका सांस श्वांस
औंधा अवमूर्ध थान स्थान बात वार्ता सिक्ख शिष्य
कई कति थामना स्तम्भन बादल वारिद सिंगार शृंगार
कंगन कंकण थोड़ा स्तोक बाँधना बंधन सियार शृंगाल
कंघी कंकती दबाना दमन बाबला वातुलक सिर शिर
कचहरी कृत्यगृह दस दश बायां वाम सीख शिक्षा
कच्चा कुपच दसवाँ दशम बारात बरयात्रा सींग शृंग
कछुआ कच्छप दही दधि बालू बालुका सीढ़ी श्रेणी
कटहरा काष्ठगृह दाई धात्री बावला वातुल सीला शीतल
कटहल कंटफल दाख द्राक्षा बांस वंश सुअर शूकर
कड़ाह कटाह दाढ़ी दंष्ट्रिका बाँह बाहु सुई सूचिका
कड़ुआ कटु दाँत दन्त बाहर बाह्य सुमिरन स्मरण
कपड़ा कर्पट दाद दद्रु बिकना विक्रयण सुवरण/सोना स्वर्ण
कपूत कुपुत्र दाहिना दक्षिण बिच्छू वृश्चिक सुहाग सौभाग्य
कपूर कर्पूर दीया दीप बिजली विद्युत सूखा शुष्क
करतब कर्त्तव्य दीवाली दीपावली बिनती विनति सूंड शुण्ड
करम कर्म दुपट्टा द्विपट्ट बीता व्यतीत सूत सूत्र
करोड़ कोटि दुबला दुर्बल बीस विंशति सूना शून्य
कलेश क्लेश दूजा द्वितीय बुरा विरुप सेज शय्या
कहार स्कन्दभार दूध दुग्ध बूंटी वृत्तिक सेठ श्रेष्ठी
काज कार्य दूना द्विगुण बूढ़ा वृद्ध सोंठ शुष्ठि
काजल कज्जल दूब दूर्वा बेदना वेदना सोना स्वर्ण
काठ काष्ठ देखना दृश बेल विल्ब सोहन शोभन
कान कर्ण देवर द्विवर बेल बिल्व सौ शत
काना काणः दोना द्रोण बैन वचन सौत सपत्नी
कान्ह कृष्ण धनिया धनिका बैल बलीवर्द हड्डी अस्थि
किनकी कणिका धरती धरित्री बौना वामन हथिनी हस्तिनी
किया कृतः धीरज धैर्य ब्याह विवाह हरड़ हरीतकी
किवाड़ कपाट धुआँ धूम्र भगत भक्त हलका लघुक
किसन कृष्ण धुआं धान्य भतीजा भ्रातृज्य हल्दी हरिद्रा
किसान कृषक धुनि ध्वनि भभूत विभूति हवा पवन
कुम्हार कुम्भकार धूल धूलि भांजा भागिनेय हँसना हास्य
कुल्हाड़ा कुठार धोना धावन भाड़ा भाटक हाथी हस्ति
कुँवर कुमार नखत नक्षत्र भादों भाद्रपद हितैषी हितेच्छु
कूची कूर्चिका नंगा नग्न भाप वाष्प हिनहिनाना ह्वेषण
केकड़ा कर्कट नंदोई ननांदृपति भाभी भ्रातृभार्या हीरा हीरक
केवट कैवर्त्त नया नव भालू भल्लुक हुलास उल्लास
केस केश नस स्नायु भिखारी भिक्षाकारी होंठ ओष्ठ
केहरी केशरी नहान स्नान भीख भिक्षा होली होलिका
कैथा कपित्थ नाई नापित भीत भित्ति
कोख कुक्षि नाक नक्र भीतर अभ्यन्तर
कोठी कोष्ठिका नाख़ून नख भूख बुभुक्षा
कोढ़ कुष्ट नाच नृत्य भौंरा भ्रमर
कोढ़ी कुष्ठी नाती नप्तृ भौंह भ्रू
कोना कोण नारियल नारिकेल मक्खन मंथज
कोस क्रोश निगलना निर्गलन मक्खी मक्षिका
कौआ काक निठुर निष्ठुर मच्छर मत्सर
कौड़ी कपर्दिका नींद निद्रा मछली मत्स्य

 

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